नवाबगंज नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष रहीं Shehla Tahir पर ED का शिकंजा कसने लगा है। अब वह प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर आ गई हैं। ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया है। ईडी इस मामले से संबंधित सारे दस्तावेज इकट्ठे कर शहला ताहिर से पूछताछ करने की तैयारी में है। बताया जाता है कि ईडी जल्द ही शहला ताहिर और कई कर्मचारियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकती है।
Shehla Tahir समेत 16 लोगों के खिलाफ के खिलाफ दर्ज है मामला
आर्थिक अपराध शाखा लखनऊ के एसआई सत्यपाल गौड़ की ओर से इस मामले में शहला ताहिर, नगर पालिका में तैनात रहे अधिशासी अधिकारी हीरालाल प्रजापति, हरिलाल, राजेश सक्सेना, नरेंद्र जौहरी, विजय कुमार, अमर सिंह, कैलाश चंद्र, सुरेश पाल, रघुवीर सिंह, रिटायर्ड अधिकारी, रवींद्र शुक्ला, ठेकेदार मोहम्मद अफजाल, आरिफ, सलीम हैदर, वकील खान और शिव कुमार की ओर से मामला दर्ज कराया गया था।
शहला ताहिर पर जाति प्रमाण पत्र देने का भी आरोप
Shehla Tahir पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र दाखिल कर चुनाव लड़ने का आरोप भी लग चुका है। दरअसल नवाबगंज नगर पालिका अध्यक्ष का पिछली जाति के लिए आरक्षित था। शाहला ताहिर खुद को पिछड़ी जाति मोमिन अंसार बताकर चुनाव लड़ी और जीत गई। भाजपा प्रत्याशी नीरेंद्र सिंह राठौर ने शासन स्तर, पिछड़ा वर्ग आयोग समेत उच्चाधिकारियों से शिकायत कर आरोप लगाया था कि शहला ताहिर सामान्य जाति की है, जबकि उनके पति डॉ. मोहम्मद ताहिर पिछड़ी जाति के हैं। तीन साल तक चली जांच के बाद उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया था।
भाजपा नेता से लंबे समय से चल रही अदावत
Shehla Tahir का राजनीति का सफर वर्ष 1995 में शुरू हुआ। तब वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर नवाबगंज नगर पालिका अध्यक्ष चुनी गईं। उन्होंने भाजपा के रविंद्र सिंह राठौर को करीब 170 वोटों से हराया था। यह चुनाव उन्होंने पिछड़ी जाति के प्रमाणपत्र पर लड़ा था। उस समय भी भाजपा सभासद झांझन लाल गंगवार ने उनकी जाति पर सवाल उठाते हुए प्रमाणपत्र को फर्जी बताकर शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके बाद हुए चुनाव में भाजपा के रविंद्र सिंह राठौर ने बसपा से ही चुनाव लड़ीं शहला ताहिर को हरा दिया था।
रविंद्र सिंह राठौर पर एक ही दिन में कराए थे 32 मुकदमे
बसपा से चुनाव हारने के बाद शहला ताहिर सपा में शामिल हो गईं और शिवपाल यादव की करीबी बन गईं। 2012 में उन्होंने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा के रविंद्र सिंह राठौर को 2500 से ज्यादा वोटों से हराया। शहला ताहिर का यह कार्यकाल सबसे ज्यादा विवादित रहा। उन्होंने नगर पालिका की दुकानों को लेकर हुए विवाद में रविंद्र सिंह राठौर के खिलाफ एक ही दिन में 32 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। हालांकि भाजपा सरकार आने के बाद इन मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई।
शपथ लेते ही शहला को जाना पड़ा था जेल
2017 में शहला ताहिर सपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं और पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह राठौर के भाई नीरेंद्र सिंह राठौर की पत्नी प्रेमलता राठौर को करीब 150 वोटों से हराया था। इस चुनाव में काफी बवाल हुआ था। एक पुराने मामले में वारंट होने के चलते शपथ ग्रहण के बाद विकास भवन से ही शहला ताहिर को जेल भेज दिया गया था। इस दौरान वह 21 दिन तक जेल में रहीं। बाद में वह जमानत पर छूटी थीं। इसके बाद से लगातार उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब Shehla Tahir पर ED ने केस दर्ज किया है। माना जा रहा है कि जल्द ही ईडी नोटिस जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है। अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिले तो उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।