मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा विधानसभा से बसपा सरकार में विधायक रहे और नारायणी सेना कृष्ण के संरक्षक विजय पाल सिंह यादव ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख डॉ. मोहम्मद यूनुस का सिर कलम करने वाले को 5 करोड़ रुपये इनाम (5 crore Reward for beheading Mohammad Yunus) का एलान किया है। साथ ही सिर कलम करने वाले को दो एसयूवी एक डिफेंडर और एक फॉर्च्यूनर इनाम में देने की बात कही है।
पूर्व विधायक विजय पाल सिंह यादव ने शनिवार को अपने आवास पर पत्रकार वार्ता में कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के इशारे पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं, इनमें भी विषेशकर हिंदू समुदाय के उन परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है जो भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायीय हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस के इशारे पर बांग्लादेश की सेना वहां के हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रही है। हिंदुओं को घरों से खींचकर मारा जा रहा है। बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जा रही है। प्रतिबंध न लगाने पर हमले की धमकी दी जा रही है और यह सब बांग्लादेश सरकार के संरक्षक मोहम्म्द यूनुस के इशारे पर हो रहा है, जिस वह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सपा, बसपा और कांग्रेस पर साधा निशाना
पूर्व विधायक ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों की संरक्षक बनने वाले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की मुखिया बहन मायावती और कांग्रेस के राहुल गांधी का जमीर मर चुका है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार हो रहे अत्याचार पर इन लोगों ने आंखें मूंद रखी हैं।
सरकार हथियार मुहैया कराए, हम करेंगे कत्लेआम का हिसाब
पूर्व विधायक ने कहा की हम भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहा अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर केंद्र सरकार नारायणी सेना को हथियार मुहैया करा दे तो वे बांग्लादेश जाकर वहां हो रहे हिंदुओं के कत्लेआम का हिसाब करेंगे। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस का सिर कलम करने वाला चाहे भारत का हो या फिर दुनिया के किसी भी देश का उसे यह इनाम दिया जाएगा।

शेख हसीना का तख्तापलट के बाद बने हैं संरक्षक
शेख हसीना सरकार का तख्तापलट करने के बाद मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के संरक्षक बने हैं। इससे पहले वह अन्य देशों में शरण लिए हुए थे। तख्तापलट के बाद ही वह बांग्लादेश में आए हैं। आरोप है कि मोहम्मद यूनुस के हाथ में बांग्लादेश की कमान आने के बाद वहां हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। दरअसल शेख हसीना की वजह से ही मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेनी पड़ी थी।
शेख हसीना के प्रत्यर्पण की कोशिश में हैं जुटे
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के रातों रात बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण लेने के बाद सत्ता पर काबिज हुए नोवल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस काफी समय से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटे हैं। इसके लिए वह भारत पर लगातार दबाव बना रहे हैं। हालांकि भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
भारत पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका के आगे फैलाया हाथ
शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत पर दबाव बनाने के लिए बांग्लादेश की यूनुस सरकार अमेरिका के आगे भी हाथ फैला चुकी है लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से उसके मंसूबों पर पानी फिर गया है। शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए अब मोहम्मद यूनुस सरकार ने इंटरपोल का रुख किया है। उन्होंने इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की है।