bareilly : बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार थम नहीं रहा है। इसको लेकर हिंदुस्तान के मुसलमान चिंतित हैं। बांग्लादेश के मुद्दे पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को संबाेधित ज्ञापन जिलाधिकारी बरेली को दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शाहबुद्दीन रजवी बरेलवी ने किया।
ज्ञापन में कहा गया कि पिछले कई दिनों से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। बांग्लादेश के हिंदू अपनी आवाज बुलंद करते हैं तो उनको देशद्रोही करार देकर गिरफ्तार किया जा रहा है। मौलाना शाहबुदृदीन बरेलवी ने कहा कि भारत के मुसलमानों को वहां के हालात देख बहुत दुख और तकलीफ हो रही है।

अगस्त 2024 में निर्वाचित शेख हसीना की हुकूमत का तख्ता आंदोलनकारियों ने पलट दिया था। उनको अपनी जान बचाने के लिए बांग्लादेश छोड़ना पड़ा और भारत में शरण लेनी पड़ी। शाहबुद्दीन का कहना है कि बांग्लादेश के आंदोलनकारी कट्टरपंथी विचार रखते है। उन्होंने पूरे बंगलादेश की आवाम को एक तरह से बंधक बना रखा है।
पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी और अमेरिका के सहयोग से कट्टरपंथी संगठनों ने शेख हसीना के खिलाफ बड़े पैमाने पर साजिश रची। उनके देश छोड़ते ही बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर खुल्लम खुल्ला अत्याचार होने लगा। दुर्गा पूजा के पंडालों को उखाड़ा गया, मठ और मंदिरों पर हमले किए गए। हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई। इस तरह की तमाम घटनाओं से भारत का मुसलमान दुखी है।
मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा कि बांग्लादेश के हालात से निपटने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं। नोबल पुरस्कार प्राप्त मुहम्मद युनूस पर दबाव बनाया जाए कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करें और जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनको रिहा किया जाए। अगर बांग्लादेश की हुकूमत भारत सरकार की बातों को नहीं मानती है तो अल्पसंख्यकों पर इसी तरह अत्याचार के खिलाफ प्रस्ताव लाए।
ज्ञापन देने वालों में ये रहे शामिल
कलक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन देने वालों में हाफिज अब्दुल वाहिद नूरी, मौलाना फारूक, शाहिद रजवी, वसीम मियां, रशीद खां, मोहम्मद आरिफ, शाहिद खां, आबीद हुसैन,आरीफ रजा, फैसल एडवोकेट, असलम अंसारी, कासीफ अली, इकबाल अंसारी आदि रहे।