साहब! आपके लिए होगा आयुष्मान, हमारे लिए तो अभिशाप है

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निजी अस्पतालों का 150 करोड़ का भुगतान अटका, डॉक्टरों ने किया आंदोलन का एलान

बरेली। आयुष्मान भारत योजना शहर के निजी अस्पतालों के लिए अभिशाप बन गई है। पिछले करीब छह महीनों से आयुष्मान योजना के तहत किए गए मरीजों का इलाज का भुगतान न होने से निजी अस्पतालों के संचालकों में  नाराजगी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का दावा है कि जिले के निजी अस्पतालों का करीब 150 करोड़ रुपये का भुगतान रुका हुआ है।

आईएमए ने चेतावनी दी कि यदि भुगतान जल्द नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। बुधवार को सिविल लाइंस स्थित आईएमए हॉल में हुई बैठक में आईएमए बरेली अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह ने कहा कि भुगतान में देरी और अनुचित कटौती के कारण निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम संचालकों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है।

उन्होंने बताया कि कई अस्पतालों को म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट तक तोड़ने की नौबत आ गई है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। डॉ. आरके सिंह ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी झूठे दावे कर रहे हैं, और पिछले छह महीने से आयुष्मान योजना के तहत कोई भुगतान नहीं किया गया है।

आयुष्मान
आईएमए हॉल में प्रेस कान्फ्रेंस करते डॉक्टर।

बैठक में जिले के 40 से अधिक डॉक्टरों ने अपने लंबित भुगतान का ब्योरा दिया, जिससे स्पष्ट हुआ कि केवल बरेली में 150 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है। यदि निजी मेडिकल कॉलेजों को भी इसमें शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा 200 करोड़ से अधिक हो सकता है।

स्वास्थ्य विभाग का दावा 87 प्रतिशत हो चुका भुगतान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आईएमए के आरोपों को खारिज किया। अधिकारियों का कहना है कि जिले में 238 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से जुड़े हुए हैं, जिनमें 178 निजी और 60 सरकारी अस्पताल शामिल हैं।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस योजना के तहत 87 प्रतिशत भुगतान पहले ही किया जा चुका है। केवल 13 प्रतिशत राशि तकनीकी कारणों से रुका हुआ है, जिसे जल्द जारी कर दिया जाएगा।

डॉ. प्रमेंद्र महेश्वरी ने बताया स्वास्थ्य विभाग का दावा गलत है। स्वास्थ्य विभाग जिन 87 प्रतिशत भुगतान की बात कर रहा है, वह छह महीने पहले की स्थिति थी। वर्तमान में 10 प्रतिशत फाइलें भुगतान प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हुई हैं। कई मामलों में जानबूझकर आपत्ति लगाकर फाइलें रिजेक्ट की जा रही हैं।

डॉ. प्रमेंद्र महेश्वरी ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग का यह दावा पूरी तरह गलत है। हमें छह महीने से कोई पैसा नहीं मिला है। यह सिर्फ बरेली की बात नहीं है, पूरे प्रदेश में छोटे अस्पतालों का लाखों और बड़े अस्पतालों का करोड़ों रुपये बकाया है। आईएमए ने आंदोलन की दी चेतावनी बैठक में सरकार से जल्द भुगतान करने और अनुचित कटौती बंद करने की मांग की गई। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आईएमए के बैनर तले उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।

बैठक में प्रमुख रूप से आईएमए सचिव डॉ. रतनपाल, कोषाध्यक्ष डॉ. शिवम, उपाध्यक्ष डॉ. डीपी गंगवार, डॉ. प्रमेंद्र महेश्वरी, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. शालिनी महेश्वरी, आयुष्मान टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र गंगवार, डॉ. शरद, डॉ. अजय अग्रवाल, डॉ. अजय भारती, डॉ. निकुंज गोयल, डॉ. राजीव गोयल, डॉ. अतुल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

आयुष्मान योजना में 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों का इलाज भी किया जा सकेगा, ऐसे मरीज़ों में ज़्यादातर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, किडनी और दिल को बीमारियां होती है, जिनके लिए विशेषज्ञ डाक्टर और अतिरिक्त जीवन रक्षक दवाइयों की ज़रूरत होती है जो पचास साल या कम उम्र के मरीज़ों में नहीं होती पर दोनों प्रकार के मरीज़ों के लिए आयुष्मान का पैकेज बराबर है, जबकि बुजुर्गों में अतिरिक्त दवाई और जांचे भी होनी चाहिए, उनके लिए अलग से पैसे का प्रावधान नहीं किया गया है, जो कि होना चाहिए। – डॉ प्रमेन्द्र माहेश्वरी, अध्यक्ष बरेली नर्सिंग होम एसोसियेशन

Sanjay Srivastav

sanjaysrivastav1972@gmail.com

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