शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय और नेपाल के विधि महाविद्यालय एवं नॉवेल एकेडमी पोखरा के संयुक्त तत्वावधान में 11वां अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन Artificial Intelligence : चुनौतियां व अवसर विषय पर किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आईएएस मुकुल सिंघल ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence) एक आधुनिक एवं प्रासंगिक विषय है। आज यह तकनीकी बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है। समय की मांग है कि हम इस पर चर्चा करते हुए खुद को सचेत करें।
उन्होंने कहा कि आज artificial intelligence को न अपनाने का विकल्प हमारे पास नहीं है। हमें इसके ही साथ काम करना है। लिहाजा हमें इसमें निपुणता हासिल करने के प्रयास करने चाहिए क्योंकि यह भविष्य की तकनीकी है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक तिवारी ने कहा कि आज artificial intelligence का प्रयोग हर क्षेत्र में हो रहा है लेकिन हमें तकनीकी का प्रयोग करते समय यह ध्यान देना चाहिए कि यह नीति, समानता, नैतिकता और मानवता के साथ हो।
उन्होंने कहा कि artificial intelligence स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि समेत जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति ला सकता है। हमें यह सीखना है कि सतत व दीर्घकालिक विकास के लिए artificial intelligence का प्रयोग कैसे किया जाए। उन्होंने डेटा की गोपनीयता, डिजिटल असमानता जैसी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें समावेशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीतियां विकसित करनी होंगी।
किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली के प्रो. पीके सूर्या ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता में लगातार प्रगति हो रही है लेकिन रोज असीमित मात्रा में नया डाटा भी पैदा हो रहा है। आने वाला समय हमारे समक्ष अवसरों के साथ-साथ चुनौतियों का भी विस्फोट लेकर आएगा।
नॉवेल एकेडमी पोखरा नेपाल के निदेशक विशेश्वर आचार्य ने कहा कि हम दैनिक जीवन में artificial intelligence के आदी हो चुके हैं लेकिन केवल इसका अनुसरण करने मात्र से भविष्य को सुरक्षित नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि artificial intelligence से सर्वाधिक चुनौतियां शिक्षा के क्षेत्र में उत्पन्न हुई हैं।
artificial intelligence हम पर हावी है या हम उस पर
फार वेस्टर्न यूनिवर्सिटी महेंद्रनगर से केंद्रीय अर्थशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर शंकर दत्त भट्ट ने कहा कि हमारे भविष्य की चुनौतियां इस पर निर्भर करती हैं की artificial intelligence हमारे ऊपर हावी है या हम उस पर। यदि हम artificial intelligence के नियंत्रण में चले गए तो यह निस्संदेह घातक सिद्ध होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुमुक्षु शिक्षा संकुल के मुख्य अधिष्ठाता चिन्मयानंद सरस्वती ने कहा कि हम सभी को artificial intelligence के उपयोगों के साथ-साथ कठिनाइयों से भी परिचित होना चाहिए। इसके बाद अतिथियों ने वाणिज्य विभाग और नेपाल के साथ प्रकाशित हो हुए जरनल का विमोचन किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सचिव प्रो अवनीश मिश्र, प्राचार्य प्रो. आर के आजाद के दिया कार्यक्रम का कुशल संचालन अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आयोजक व उप-प्राचार्य प्रो. अनुराग अग्रवाल ने किया। सेमिनार में एस एस लॉ कॉलेज के डा. जयशंकर ओझा, सचिव सुरेश सिंघल, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. संदीप अवस्थी, डाॅ. अंकित अवस्थी, रजत सिंह, डॉ. सचिन खन्ना, डाॅ. कमलेश गौतम, डाॅ. गौरव सक्सेना, डाॅ. प्रभात शुक्ला, डॉ. शिशिर शुक्ला, डॉ. आलोक सिंह, डॉ. अजय कुमार वर्मा, डॉ. अमित त्रिवेदी, रजत सिंह, अखंड प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।
दो सत्रों में पढ़े गए 60 से अधिक शोधपत्र
कार्यक्रम का आयोजन दो सत्रों में हुआ। प्रथम सत्र की अध्यक्षता साहू रामस्वरूप महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनुपम मल्होत्रा, सह अध्यक्षता डॉ. देवेंद्र सिंह और रिसोर्स पर्सन डॉ. संदीप अवस्थी ने की। बृजलाली के संचालन में संपन्न हुए प्रथम सत्र में 40 से अधिक शोध पत्र पढ़े गए। बीकॉम के छात्र अर्पण सिंह को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र अवार्ड से सम्मानित किया गया और स्नेहा वर्मा व सत्यम शुक्ला को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डॉ. एके मिश्रा, सह अध्यक्षता डॉ. अभिषेक तिवारी और रिसोर्स पर्सन डॉ. जेएस ओझा ने की। इस सत्र में 20 से अधिक शोध पत्र पढ़े गए। बीए एलएलबी की छात्रा शुभी मिश्रा को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र व उपासना मिश्रा और हुसैन को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। डॉ. मृदुल शुक्ला के देखरेख में संपन्न हुए सत्र में डॉ. दीप्ति गंगवार ने संचालन किया।