
power corporation : एक तरफ काम का भार… दूसरी तरफ छंटनी की मार
20 प्रतिशत छंटनी की घोषणा से सड़क पर आए विद्युत संविदा कर्मचारी असमंजस में कर्मचारी उम्र के आधिरी पड़ाव में कैसे चलाएंगे घर का खर्च power corporation : बरेली। power corporation में बढ़ते निजीकरण के प्रभाव ने विद्युत संविदा कर्मचारियों को ऐसे दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां कोई ठौर है न ठिकाना। एक तो पहले ही कर्मचारी काम के बोझ तले दबे हैं ऊपर से छंटनी की घोषणा ने रोजीरोटी छीनने का इंतजाम भी कर दिया है। छंटनी का सबसे ज्यादा डर उन कर्मचारियों को सता रहा है, जो उम्र के ऐसे पड़ाव पहुंच चुके हैं, जिन्हें इसके अलावा कोई और काम नहीं आता, न ही इस उम्र में उन्हें कहीं और नौकरी मिलने वाली। अगर नौकरी गई तो बच्चों का लालनपालन, उनकी पढ़ाई का खर्च और घर का चूल्हा कैसे जलेगा, यही चिंता उन्हें खाए जा रही है। ठेका कंपनी की घोषणा के बाद प्रदेश भर में संविदा कर्मचारी सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार ने अब तक उनकी सुध नहीं ली है। सेफ्टी किट की 3 साल से कर रहे मांग, कई गंवा चुके हैं जान संविदा कर्मचारी तीन साल से ठेकेदार से सेफ्टी किट की मांग कर रहे हैं मगर ठेका लेने वाली फर्म उनकी इस मांग को लगातार अनदेखा कर रही है, इसके बाद भी जान दांव पर लगाकर संविदा कर्मचारी बिजली व्यवस्था सुचारू बनाए रखने में लगे हुए हैं। सेफ्टी किट न होने की वजह से कई संविदा कर्मचारी जान गंवा चुके है या तो गंभीर रूप से झुलकर जिंदगी मौत से लड़ रहे हैं। चार घंटे तक तार पर झूलता रहा था शव बिथरी चैनपुर इलाके के नगरिया बिहार जप्ती में रहने वाले 50 वर्षीय संविदाकर्मी शेर सिंह फरीदपुर बिजलीघर के भिडौलिया फीडर पर तैनात थे। पिछले साल दिसंबर में रसुईसा रेलवे स्टेशन के पास खंभे का इंसुलेटर फट गया था, इससे 11केवी हाईटेंशन लाइन का तार टूट गया था। शेर सिंह शटडाउन लेकर हाईटेंशन लाइन का तार जोड़ रहे थे। इसी बीच उपकेंद्र से बिना शटडाउन वापस लिस सप्लाई चालू कर दी गई थी। इससे शेरसिंह की करंट से मौत हो गई थी। चार घंटे तक उनका शव खंभे पर तार पर लटका रहा था। मुसीबत में परिवार पर अब तक नहीं सरकारी इमदाद भमोरा थाना क्षेत्र के गांव लंगुरा में रहने वाले 33 वर्षीय राजवीर यादव पुत्र नत्थूलाल संविदा लाइनमैन थे। पिछले साल मई में रात के समय गांव की बिजली खराब हो गई। फॉल्ट ठीक करने के लिए राजवीर शटडाउन लेकर खंभे पर चढ़े थे। इसी दौरान सप्लाई चालू होने से करंट की चपेट में आकर उनकी मौत हो गई। राजवीर की मौत को करीब नौ महीने हो चुके हैं लेकिन उनके परिवार को अब तक पावर कारपोरेशन की ओर से मुआवजा नहीं दिया गया। उनके तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ा बेटा छह साल का है। जिंदगी मौत से जूझ रहा power corporation का संविदा लाइनमैन किला छवनी में रहने वाले विनोद राठौर इसी साल 15 जनवरी की दोपहर स्वालेनगर में 11 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन की मरम्मत कर रहे थे। खंभे पर चढ़ने से पहले उन्होंने शटडाउन भी लिया था लेकिन मरम्मत के दौरान अचानक आपूर्ति चालू होने से वह करंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गए। उनका मिनी बाईपास रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। विनोद की माली हालत काफी खराब है। साथी कर्मचारी चंदा करके उनके इलाज का खर्च उठा रहे हैं। ठेका फर्म की ओर से इस मामले में भी कोई मदद नहीं मिली है। विनोद राठौर भी बगैर सेफ्टी किट काम कर रहे थे। एक फरवरी से एक घंटा ज्यादा काम करेंगे कर्मचारी विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडेय प्रबंध निदेशक मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के नाम पत्र लिखकर एक फरवरी से सभी कर्मचारियों के एक घंटा अतिरिक्त कार्य करने का एलान किया है। पत्र के मुताबिक प्रबंध निदेशक मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कार्यक्षेत्र में आने वाले 19 जनपदों के 965 विद्युत उपकेंद्रों के 4800 पोषकों से लगभग 1.98 करोड़ उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की जा रही है। इस कार्य में 29000 कर्मचारियों के स्थान पर 19000 की तैनाती है। कर्मचारियों की कमी की वजह से बड़े पैमाने पर दुर्घटनाएं हो रही हैं और अब कुल संख्या के लगभग 40% भाग के बराबर कर्मचारियों की छंटनी किए जाने से एक तरफ कर्मचारी बेरोजगार होंगे, वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों पर काम का भार बढ़ने से दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी होगी। इसके चलते संगठन ने मध्यांचल प्रबंधन का ध्यान बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों कि समस्याओं के तरफ आकृष्ट करने के लिए 1 फरवरी से निर्धारित समय से 1 घंटा अधिक कार्य करने का निर्णय लिया है।