Badaun News : बदायूं में दिनदहाड़े डीजीसी साधना शर्मा की हत्या करने वाले आरोपियों से बरामद सुपारी की रकम उझानी इंस्पेक्टर और हेड मुहर्रिर से बदलवा दी। मुकदमा की वादी ने आईजी से शिकायत की तो आईजी के आदेश पर उझानी इंस्पेक्टर और हेड मुहर्रिर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
बदायूं जिले के कस्बा उझानी में मोहल्ला बाजार कलां में रहने वाले विपर्णा गौड़ ने आईजी को शिकायती पत्र देकर बताया कि तत्कालीन डीजीसी क्रिमिनल साधना शर्मा की 23 मई 2016 को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और वह इसमें वादी हैं। मुकदमे में पीसी शर्मा, नरेंद्र उर्फ पिंटू उर्फ मुनेंद्र और अन्य आरोपी हैं।
विपर्णा के मुताबिक आरोपियों ने सजा से बचने के लिए उझानी पुलिस से मिलकर षड्यंत्र रचते हुए मालखाने में दाखिल रुपये बदलवा दिए। पीसी शर्मा को इस मामले में 26 अप्रैल 2017 को जमानत मिल चुकी है। उसने जेल से रिहा होने के बाद विवेचना को प्रभावित करने की कोशिश की। उसने उझानी पुलिस के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा।
पीसी शर्मा ने 11 मई 2017 को साधना हत्याकांड के लिए दी गई सुपारी के 4600 रुपये रिकवरी को फर्जी दर्शाने के उद्देश्य से बदलवा दिए। विवेचक सिकंदर खां ने रुपयों का डिब्बा खोला तो सील टूटी मिली थी। नोट भी बदले हुए थे। विपर्णा गौड़ ने 7 नवंबर 2023 को कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बरामद माल की उझानी कोतवाली रिपोर्ट तलब करने की मांग की।
प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार ने रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की। कहा कि फर्द के मुताबिक रुपये दाखिल न होने पर सिकंदर खां उत्तरदायी हैं। थाने से गलती नहीं हुई है। सिकंदर खां ने भी कोर्ट में कहा कि यह वह रुपये नहीं हैं जो दाखिल हुए थे। आरोप है कि इंस्पेक्टर मनोज कुमार और हेड मोहर्रिर अनुज कुमार ने फर्जी दस्तावेज गढ़कर फर्जी रिपोर्ट कोर्ट में भेजी।
आईजी के आदेश पर उझानी कोतवाली में षड्यंत्र रचने, लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात करने, झूठा साक्ष्य देने, गलत दस्तावेज तैयार करने, कूटरचना समेत विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।