
Leprosy Awareness Campaign : जागरूकता ही बीमारी से लड़ने का सबसे आसान तरीका
Leprosy Awareness Campaign : मथुरा। बीमारी कोई बड़ी नहीं होती बशर्ते सही समय पर उसका इलाज शुरू हो जाए लेकिन लापरवाही छोटी बीमारी को भी गंभीर स्थति में ले जाकर पहुंचा देती है। इसी के चलते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का शुभारंभ हुआ। जागरूकता अभियान के तहत बृहस्पतिवार को सीएमओ कार्यालय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा, डीसीपीएम डॉ. पारुल शर्मा और अर्बन कोऑर्डिनेटर फौजिया खानम ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। कुष्ठ निवारण दिवस पर शुरू हुए अभियान में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने कुष्ठ उन्मूलन के लिए शपथ ग्रहण की। इसके बाद जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया साथ ही जिलाधिकारी का संदेश पढ़ा गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभियान 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा। कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता और ज्ञान का अभाव कलंक, भेदभाव की ओर ले जाता है जिसके कारण कुष्ठ के संचरण और उपचार से संबंधित गलत धारणाएं समाज में फैलती हैं। कुष्ठ रोग से जुड़े कलंक एवं भेदभाव की समस्या को दूर करने के उद्देश्य और जागरूकता बढ़ाने के लिए वर्ष 2017 में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी कुष्ठ निवारण दिवस पर 14 दिवसीय कुष्ठ पखवाड़े का आयोजन स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के रूप में किया जाएगा। जागरूकता ही बीमारी से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है। ग्राम पंचायत स्तर पर होगा बैठकों का आयोजन सीएमओ ने बताया कि अभियान के तहत जनपद की सभी ग्राम सभाओं में बैठक का आयोजन करते हुए पंचायती राज विभाग, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, महिला और बाल विकास, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, समुदाय आधारित संगठन, गैर सरकारी संस्थान, स्वयं सहायता समूह के सहयोग व समन्वय से समाज में जागरूकता लाई जाएगी। नगर क्षेत्र में विद्यालयों, नगर निगम, आदि में जिलाधिकारी का संदेश पढ़ा जाएगा। माइकोबैक्टेरियम लेप्री जीवाणु से होता है कुष्ठ रोग राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. वीडी गौतम ने बताया कि माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक जीवाणु से कुष्ठ रोग होता है। इस रोग में मरीज के हाथों पैरों की परिधीय तंत्रिका, त्वचा, नाक की श्लेष्मा और ऊपरी श्वसन तंत्र प्रभावित होता है। कुष्ठ रोग का यदि समय पर उपचार न किया जाए तो शारीरिक विकलांगता हो सकती है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग से जुड़ा कलंक एवं भेदभाव मरीज के व्यवहारिक जीवन के कई पहलुओं जैसे कि सामाजिक स्तर, रोजगार के अवसर, विवाह एवं पारिवारिक जीवन को प्रभावित करता है, इसलिए समाज में जागरूकता लाने लिए अभियान चलाया जाएगा। रिफामपसिन दवा की सिगल डोज बैक्टीरिया का कर देती है खात्मा डॉ. वी.डी गौतम ने बताया कि ने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कुष्ठ मुक्त भारत का सपना साकार करने के लिए कुष्ठ रोगियों के परिवार के स्वस्थ व्यक्तियों व उसके आस-पास के 10 घरों के स्वास्थ व्यक्तियों के (कॉन्टेक्टस) को कुष्ठ रोग से सुरक्षित रखने के लिए रिफामपसिन दवा की सिगल सुपरवाइज्ड डोज दिया जाना प्रारंभ किया गया है। इस रिफामपसिन दवा की मात्रा सिगल डोज बैक्टीरिया को 99.99 प्रतिशत खत्म कर देती है। इस दवा का व्यक्ति पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है। उन्होंने बताया कि जनपद में अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक 106 नये कुष्ठ मरीज खोजे गये हैं । सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है। इस अवसर पर ,एसीएमओ डॉ. संजीव यादव, डॉ. आलोक कुमार, डॉ अनुज चौधरी, डॉ. पियूष सोनी, डॉ भूदेव सिंह, डॉ अनुज यादव, डॉ चित्रेश कुमार, डीपीएम संजय सिहोरिया, डीएचईआईओ जितेन्द्र सिंह, आर.के सिंह , आर.डी यादव, ज्ञानेंद्र सिंह, नेहा चौबे, रागिनी तथा एनएमटीसी की छात्राएं और आशाएं उपस्थित रहे | उपचार पीबी- (पॉसी बेसिलरी) छह माह तक इलाज एमबी- (मल्टी बेसिलरी) 12 माह तक इलाज कुष्ठ रोग के सामान्य लक्षण • शरीर का कोई भी दाग धब्बा जिस पर सुन्नपन हो, उसमें खुजली ना हो,उसमें पसीना ना आता हो कुष्ठ रोग हो सकता है • शरीर की संवेदना वाहक नसों में मोटापन व दर्दीलापन कुष्ठ रोग का लक्षण हो सकता है। जांच व इलाज ना कराने पर विकलांगता आ सकती है। • कान की पाली का मोटा होना व कान पर गांठे होना। ये हैं लक्षण • शरीर का कोई भी दाग धब्बा जिस पर सुन्नपन हो • उसमें खुजली न हो, पसीना न आता हो, कुष्ठ रोग हो सकता है • कान पर गांठे होना, • हथेली और तलवों पर सुन्नपन हो