बरेली। अगर लाभ किसी अपने को देना हो तो सरकारी कार्यालयों में बैठे अफसर नियम कायदों की परवाह भी नहीं करते और न ही बड़े से बड़ा गड़बड़झाला करने से चूकते हैं। ऐसा ही कुछ बरेली में ईएसआई औषधालय (ESI Hospital) के लिए भवन किराये पर लेने के लिए किया गया। जहां अफसरों ने विभाग में कुक के पद पर तैनात कर्मचारी के रिश्तेदार के भवन का चयन आवेदन के बिना ही कर लिया, जबकि इस मामले में इकलौते आवेदनकर्ता को ठेंगा दिखा दिया गया। इस गड़बड़झाले में ईएसआई के सीएमओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए शासन स्तर पर शिकायत की गई है।
राज्य कर्मचारी बीमा योजना एवं श्रम चिकित्सा सेवा के निदेशक की ओर से एक अक्तूबर 2024 ईएसआई औषधालयों के लिए विभिन्न जिलों में भवन किराये पर लेने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। इसके तहत बरेली के सीबीगंज में भी भवन किराये पर मांगा गया था। बरेली से एकमात्र सीबीगंज में रहने वाले रामऔतार पाठक ने आवेदन किया था।
रामऔतार पाठक के मुताबिक 12 नवंबर 2024 को ईएसआई सीएमओ डॉ. तौकीरुल हसन की ओर से पत्र भेजकर उन्हें अवगत कराया गया कि सीबीगंज में ईएसआई औषधालय (ESI Hospital) के लिए विभाग को एकमात्र उनका आवेदन प्राप्त हुआ है, जिसका निरीक्षण ईएसआई निदेशक की ओर से गठित कमेटी द्वारा किया जाएगा।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि 13 नवंबर को उनके भवन का निरीक्षण निदेशक द्वारा गठित टीम ने किया। बाद में उन्हें पता चला कि उनके भवन की जगह कानपुर नगर में कुक के पद पर तैनात इरफान अली के रिश्तेदार इलियास के भवन का चयन कर लिया गया है।

सवाल… समयसीमा बीतने के बाद कैसे स्वीकृत हो गया आवेदन
सीबीगंज में औषधालय को भवन किराये पर देने के लिए एक अक्तूबर 2024 को विज्ञापन प्रकाशित किया गया था, जिसमें आवेदन की समयसीमा 15 दिन रखी गई थी। लिहाजा 15 अक्तूबर के बाद आवेदन स्वीकृत नहीं किए जाने थे। शिकायतकर्ता को भी करीब डेढ़ महीने बाद सीएमओ की ओर से भेजे गए पत्र में सीबीगंज से एकमात्र उनका आवेदन प्राप्त होने की सूचना दी गई थी। ऐसे में सवाल यह है कि समयसीमा बीतने के बाद विभागीय कर्मचारी के रिश्तेदार के भवन का चयन कैसे कर लिया गया, जबकि विभागीय कर्मचारी या उसके परिवार के सदस्य इसका लाभ नहीं ले सकते हैं।
आरोप… रिश्तेदार को लाभ पहुंचाने के लिए किया खेल
शिकायतकर्ता का आरोप है कि रामपुर रोड पर बिधौलिया स्थित वेस्ट एंड कॉलोनी के जिस भवन को किराये पर लिया गया है वह मूलरूप से बरेली में रहने वाले इरफान अली के रिश्तेदार इलियास के नाम है। इरफान के बरेली के ESI Hospital में सीएमओ के पद पर तैनात डॉ. तौकीरुल हसन से करीबी संबंध हैं। दोनों आपस में रिश्तेदार भी हैं। यही वजह रही कि सारे निमयों को धता बताकर रिश्तेदार को फायदा पहुंचाने के लिए यह खेल किया गया।

ESI Hospital के मामलों का विशेष ऑडिट कराने की मांग
रामऔतार पाठक ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री समेत विभागीय मंत्री और अफसरों से की है। उन्होंने ESI Hospital के सीएमओ डॉ. तौकीरुल हसन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। साथ ही विभाग की ओर से भवनों को किराये पर लिए जाने की प्रक्रिया का विशेष ऑडिट कराने की मां की है ताकि विभाग में गहरे तक जड़े जमा चुके भ्रष्टाचार की पोल खुल सके।
यह इरफान अलग, मुख्यालय से आया था आवेदन
इस मामले में ESI Hospital के सीएमओ डॉ. तौकीरुल हसन का कहना है कि जिस इरफान का नाम इस मामले से जोड़ा जा रहा है वह अलग है और उनके विभाग का कर्मचारी नहीं है। उसका आवेदन सीधे मुख्यालय से आया था। इस मामले में गलत तरीके से धर्म से जोड़कर शिकायत की जा रही है।