बॉलीबुड के महानायक अमिताभ बच्चन अपने माता पिता से जुड़े किस्से अक्सर किसी न किसी मंच पर साझा करते रहते हैं। हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति (KBC 16) के मंच पर उन्होंने बरेली का वह किस्सा साझा किया है। जहां पहली बार उनके पिता हरिवंश राय बच्चन उनकी मां तेजी बच्चन से मिले थे। इससे पहले भी कई बार अमिताभ बच्चन अपने माता-पिता से जुड़े किस्से मंच पर साझा कर चुके हैं।
दरअसल हरिवंश राय बच्चन की पहली शादी श्यामा बच्चन से हुई थी, जिनका 1936 में टीबी की लंबी बीमारी से निधन हो गया था। पहली पत्नी के निधन के बाद से हरिवंश राय काफी दुखी रहने लगे थे। वह इस सदमे से उबर नहीं पा रहे थे। हरिवंश राय बच्चन की बरेली में रहने वाले प्रोफेसर ज्योति प्रकाश से गहरी मित्रता थी। ज्योति प्रकाश हरिवंश के लिए दोस्त से भी बढ़कर थे।
साल 1941 में दिसंबर के महीने में ज्योति प्रकाश ने तार भेजकर हरिवंश राय बच्चन को तुरंत बरेली बुलाया था। हरिवंश राय उनकी बात टाल नहीं सकते थे इसलिए तार मिलते ही दिल्ली से बरेली की गाड़ी पकड़कर 31 दिसंबर को भोर होने से पहले ही ज्योति प्रकाश के घर पहुंच गए। हरिवंश राय ने तार भेजने का कारण पूछा तो ज्योति प्रकाश बोले, काफी दिनों से तुम्हारी कविताएं सुनने का मन कर रहा था। मजाकिया अंदाज में इशारा करते हुए कहा कि घर में इस वक्त तुम्हारी प्रशंसिका भी मौजूद है।
तेजी सूरी यानि तेजी बच्चन उस समय लाहौर के फतेहचंद कॉलेज में साइकोलॉजी पढ़ाती थीं। प्रोफेसर ज्योति प्रकाश की पत्नी प्रेमा उस कॉलेज की प्रिंसिपल थीं। वहां दोनों साथ ही रहती थीं। छुट्टीयों में वह प्रेमा के साथ बरेली चली आई थीं। तेजी हरिवंश राय बच्चन की बड़ी प्रशंसक थीं। ज्योति प्रकाश ने अपनी पत्नी प्रेमा से तेजी को बुलाकर लाने को कहा। तेजी जैसी ही कमरे में पहुंची तो हरिवंश राय बच्चन उन्हें देखते ही रह गए। ज्योति प्रकाश ने दोनों का परिचय कराया।
परिचय के बाद ज्योति प्रकाश ने हरिवंश राय बच्चन से कविता सुनाने फरमाश की। इसके बाद शुरू हुआ कविताओं का सिलसिला रात भर चलता रहा। हरिवंश राय ने एक के बाद एक न जाने कितीन कविताएं सुना डालीं। कविता की हर पंक्ति में उनका दर्द समाया था। कविताएं सुनते-सुनते तेजी सूरी की आंखों से आंसू बहने लगे। ज्योति प्रकाश और प्रेमा कब उस कमरे से चले गए दोनों का पता ही नहीं चला। कमरे में सिर्फ तेजी और हरिवंश राय ही आमने-सामने बैठे थे। दोनों एक दूसरे को पलक झपके बिना देख और सुन रहे थे। यह रात हरिवंश राय के जीवन में एक नई सुबह लेकर आई थी। उनके दिल के बंद दरवाजे खुल चुके थे। तेजी उसमें प्रवेश कर चुकी थीं।
KBC 16: कविताओं से जुड़े दिल के तार, 24 दिन बाद परिणय सूत्र में बंधे
हरिवंश राय बच्चन की तेजी सूरी से पहली मुलाकात 31 दिसंबर को बरेली में ज्योति प्रकाश जौहरी के घर पर हुई थी। इस मुलाकात की शुरुआत चाय पार्टी से हुई थी। हरिवंश राय बच्चन अपनी जीवनी में इस मुलाकात का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि 24 घंटे पहले हम इस कमरे में एक अजनबी की तरह आए थे। अब 24 घंटे बाद जीवनसाथी की तरह जा रहे हैं। बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में तेजी बच्चन ने कहा था कि नियति ने उन्हें हरिवंश से बरेली में मिलवाया था। शायद उन्हें हरिवंश के जीवन के दुख को हल्का करना था।
शादी में खर्च हुए थे 800 रुपये
बरेली में मुलाकात के बाद 24 जनवरी 1942 में इलाहाबाद की जिला अदालत में दोनों ने विवाह कर लिया था। दोनों की शादी में 800 रुपये खर्च हुए थे। उस समय के हिसाब से यह एक बहुत बड़ी रकम हुआ करती थी। इस रकम को भी दोनों ने बराबर चार-चार सौ रुपये खर्च किए थे। शादी के बाद हरिवंश और तेजी बच्चन के दो बेटे हुए। इनमें एक अमिताभ बच्चन, जो फिल्मों की दुनिया के महानायक बने और दूसरे अजिताभ बच्चन, जिन्होंने व्यापार को अपना पेशा चुना। KBC 16 के मंच पर अमिताभ बच्चन ने दर्शकों के साथ माता-पिता की पहली मुलाकात का किस्सा साझा किया।