mathura : उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान मथुरा में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में भारतीय पशु औषधि एवं विष विज्ञान विभाग की 24वीं चार दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हुई। अपने उद्बोधन में प्रोफेसर श्रीवास्तव ने बताया कि पशु के उत्पादकता में उसके स्वास्थ्य का अहम योगदान होता है।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ पशु के लिए स्वच्छ रखरखाव, संतुलित आहार और बीमार पशुओं का सुचारू रूप से इलाज अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे पशु अपनी उत्पादकता के अनुरूप उत्पादन दे सके। इसके लिए पशु औषधि का सही ज्ञान एवं उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय लुधियाना के डॉ. वीके तनेजा ने बताया कि बीमार पशुओं के इलाज में सही औषधि का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। बीमार पशु के इलाज के दौरान अंधाधुंध एंटीबायोटिक का प्रयोग, पशु स्वास्थ्य के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सकों को इलाज के दौरान उपयुक्त एंटीबायोटिक का ही प्रयोग करना चाहिए। जिससे बीमार पशु स्वस्थ हो सके और अच्छी उत्पादकता दे सके। उसके उत्पादों को प्रयोग करने वाले मनुष्यों पर इसका कोई हानिकारक प्रभाव न पड़े।
समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली के कुलपति डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि पशुपालन हमारे समाज का अभिन्न अंग है। जिससे प्राप्त होने वाले विभिन्न उत्पादों का प्रयोग मनुष्यों द्वारा किया जाता है। इसलिए पशुधन का स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर विकास पाठक ने कहा कि ग्रामीण परिवेश में कृषकों को वैज्ञानिक तकनीक से पशुपालन करने के लिए प्रेरित किया जाना अत्यंत आवश्यक है। आयोजक सचिव प्रोफेसर अतुल प्रकाश ने आगंतुकों का स्वागत किया। तकनीकी सचिव प्रोफेसर अमित सिंह ने चार दिवसीय संगोष्ठि में प्रस्तुत किए गए विभिन्न शोध पत्रों का सारांश प्रस्तुत किया।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में राजस्थान पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय बीकानेर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सतीश कुमार गर्ग, भारतीय पशु औषधि एवं विष विज्ञान संगठन के अध्यक्ष डॉ. एएम ठाकर, भारतीय पशु औषधि एवं विष विज्ञान संगठन के सचिव डॉ. एसके शर्मा, प्रोफेसर सर्वजीत यादव, प्रोफेसर अरुण कुमार मदान, डॉ. नित्यानंद पांडे, प्रोफेसर देश दीपक सिंह, प्रोफेसर बृजेश यादव सहित विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक, अधिकारी और परास्नातक के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।