राजस्थान के ranthambore tiger reserve से 25 बाघ लापता होने के बाद pilibhit tiger reserve (पीटीआर) प्रशासन को भी अलर्ट किया गया है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर ने सभी वनाधिकारियों को सतर्क रहते हुए सभी रेंजों में लगातार गश्त करने के साथ ही नेपाल सीमा पर कड़ी निगरानी करने को कहा है। अधिकारी भी पूरे अभियान की निगरानी में जुटे हैं ताकि बाघों का पता लगाया जा सके।
राजस्थान के रणथंभौर बाघ अभ्यारण से 25 बाघों के लापता होने के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही देश भर के टाइगर रिजर्व को अलर्ट करते हुए बाघों की कड़ी निगरानी करने के आदेश दिए हैं। इस मामले की जांच वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो कर रहा है।
ranthambore tiger reserve से बाघों के लापता होने के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने अपने पांचों रेंज के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सघन गश्त करने के साथ संदिग्धों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। वन सीमा और संवेदनशील स्थानों पर विशेष नजर रखने को कहा है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के सभी पांचों रेंज में वन अफसरों के नेतृत्व में वनकर्मियों की टीम गश्त में जुटी हुई है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी रेंजर मनीष सिंह के मुताबिक ranthambore tiger reserve से बाघों के लापता होने का मामला सामने आने के बाद पीटीआर में अलर्ट जारी किया गया है। सभी वनाधिकारियों को सतर्क रहकर अपनी-अपनी रेंजों में गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। संदिग्धों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।

ranthambore tiger reserve से बाघ लापता होने पर भारत-नेपाल बार्डर पर अलर्ट
पीलीभीत टाइगर रिजर्व भारत-नेपाल बार्डर से सटा हुआ है। ऐसे में नेपाल बार्डर से सटे इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इन दिनों पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र भी शुरू हो चुका है। ऐसे में वन अफसर खुद निगरानी की कमान संभाल रहे हैं।
देश भर में 55 टाइगर रिजर्व, सबसे ज्यादा एमपी और कर्नाटक में
देश भर में 55 टाइगर रिजर्व हैं। सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश और कर्नाटक में हैं। इन दोनों राज्यों में ही बाघों की सर्वाधिक आबादी है। पर्यटन सत्र शुरू होने के साथ ही ranthambore tiger reserve से बाघों के लापता होने की खबर मिलते ही एनटीसीए के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। बताया जाता है कि बाघ अपना इलाका तभी छोड़ते हैं जब उन्हें वहां प्रर्याप्त भोजन नहीं मिलता। अधिकारी इन सब पहलुओं पर जांच कर रहे हैं।
कलीनगर में डेरा जाए बाघ का 5वें दिन भी नहीं चला पता
पीलीभीत के कलीनगर इलाके के गांव चांदूपुर में कई दिनों से डेरा जमाए हुए था। वह दो पशुओं का शिकार करने के बाद आबादी के पास खेतों में चहलकदमी करता देखा जा रहा था। आबादी के पास बाघ की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। अफसरों से शिकायत के बाद वन विभाग की दो टीमों को निगरानी में लगाया गया है। टीम अलग-अलग शिफ्ट में दिन रात बाघ की लोकेशन ट्रेस करने में जुटी हैं। हालांकि पांच दिन बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला है।
पीलीभीत में वन्यजीव तस्करों का भी खतरा
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वन्यजीव तस्कर भी जानवरों के लिए खतरा बने हुए हैं, जो जानवरों का शिकार करके उनके अंगों की तस्करी करते हैं। हाल ही में पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज में कुछ शिकारियों ने चीतलों का शिकार किया था। वन कर्मियों ने शिकारियों की घेराबंदी की तो उन पर हमला कर दिया था। इसके बाद शिकारी फायरिंग करते हुए एक वनकर्मी की बंदूक छीनकर भाग गए थे। हालांकि पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद ही मुठभेड़ में 6 शिकारियों को दबोच लिया था। पकड़े गए शिकारियों में एक पुलिस विभाग में तैनात हेड कांस्टेबल भी था। उसी ने हमले के दौरान वनकर्मी की बंदूक छीनी थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से चीतल के सींग भी बरामद किए थे। कोर्ट में पेश करने के बाद सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया था।