sambhal voilance : मौलाना तौकीर बोले- पुलिस ने दो लोगों के शवों पोस्टमार्टम ही नहीं कराया
आईएमसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान सोमवार को मुरादाबाद पहुंचे। जहां मीडिया के सामने उन्होंने संभल हिंसा को लेकर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि आने वाला समय देश के लिए बहुत खतरनाक है। उन्होंने शासन और प्रशासन को चेतावनी दी और कहा कि जिस दिन वह संभल जाएंगे, उस दिन उन्हें कोई रोक नहीं पाएगा।

यूपी के संभल में हुई हिंसा को लेकर मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि पुलिस के साथ जो हिंदूवादी आतंकवादी गए थे, उन्होंने छर्रे चलाए, जिसमें समुदाय विशेष के पांच नहीं, बल्कि सात लोग शहीद हुए थे। पुलिस ने दो लोगों का पोस्टमार्टम ही नहीं कराने दिया।
मौलाना तौकीर रजा सोमवार को मुरादाबाद में भूड़ा का चौराहा स्थित कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हाजी रिजवान कुरैशी के आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने संभल हिंसा में मारे गए लोगों को शहीद करार दिया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने विष्णु जैन और योगी जैसे कई लोगों को पाल रखा है। सरकार खुद दंगा करा रही है और आरोप दूसरों पर लगा रही है। इस दौरान मौलाना तौकीर रजा ने देश में चक्का जाम करने का भी एलान किया।

बांग्लादेश के मामले में मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि बांग्लादेश के नाम पर देश में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति की जा रही है। देश में माहौल खराब करने का काम किया जा रहा है, वहीं बांग्लादेश में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने गुनाहों को छिपाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने बाहर के लोगों के संभल जाने पर पाबंदी लगा दी है। लोगों को कैद करके रखा गया है, जिससे संभल हिंसा का सच सामने न आ सके।
उन्होंने कहा पुलिस-प्रशासन माहौल बिगाड़ने की कोशिश में जुटा है। इसलिए हिंसा में घायल हुए लोगों से मिलने पर पाबंदी लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि घायलों पर झूठी तहरीर देकर मुकदमा लिखवाने का दबाव बनाया जा रहा है। उनसे कहा जा रहा है कि 10 लोगों का नाम बता दो, आपको छोड़ दिया जाएगा।
मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि सर्वे टीम हिंदूवादी आतंकवादियों को अपने साथ लेकर गई, जो बेहूदा नारेबाजी करते हुए पत्थर लेकर खुद जूते पहनकर मस्जिद के अंदर घुसे। मुसलमानों ने कोई पत्थरबाजी नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने लोगों के सीने और सिर पर सीधे गोलियां चलाई हैं, जिसमें सात लोगों की जान चली गई।
sambhal voilance : कब क्या हुआ
19 नवंबर को कैला देवी मंदिर के महंत समेत कुछ लोगों की ओर वकील विष्णु शंकर जैन की तरफ जिला अदालत में याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर पर बनाई गई है। इसके बाद अदालत ने मुस्लिम पक्ष को सुने बगैर सर्वे का आदेश पारित कर दिया।
अदालत के आदेश के बाद उसी दिन टीम सर्वे करने मस्जिद पहुंच गई। इसके बाद टीम 24 नवंबर को दोबार सर्वे करने पहुंची तो हिंसा भड़क गई। हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
हिंसा के बाद से गरमाई है राजनीति
संभल में हुई हिंसा के बाद से देश की राजनीति में भूचाल आ गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हम संभल की घटना पर अपनी बात सदन में रखना चाहते हैं। संभल के अधिकारी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। जैसे वे भाजपा के कार्यकर्ता हों। उन्होंने घटना को भाजपा के सोची-समझी रणनीति करार दिया ताकि लोगों को असल मुद्दो से भटकाया जा सके।
बांग्लादेश में मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हो रहा है भारत सरकार को उस बारे में सोचना चाहिए। वहां जो हो रहा है ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए। अगर वे हमारे संतों का सम्मान नहीं कर सकते तो वे एक मजबूत सरकार होने का दावा नहीं कर सकते।