शाहजहांपुर। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ मानवाधिकार रक्षा मंच की अगुवाई में बुधवार को विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। शहर के खिरनीबाग जीआईसी मैदान पर आयोजित जनसभा में वक्ताओं और धर्मगुरुओं ने बांग्लादेश में हो रही हिंसक घटनाओं की तीखी आलोचना की।
साथ ही इन हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए उचित कार्रवाई करने और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की मांग केंद्र सरकार से की। जनसभा के बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह को दिया गया।
जनसभा में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथ तेजी से उभर रहा है। यह पाकिस्तान की साजिश है। जिस देश का जन्म भारत की बदौलत हुआ, जहां बिजली, पानी, सड़क, भोजन और सैन्य प्रशिक्षण भारत पूरी करता हो, वही देश हमें आंख दिखाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तानी भूल रहे हैं कि यदि भारत ने मदद देना बंद कर दिया, भूखे बिलबिलाते हुए मर जाएंगे।

चिन्मयानंद ने कहा कि एक विशेष दल के नेता संभल हिंसा पर छाती पीट रहे हैं, लेकिन बांग्लादेश में जो हो रहा है, उस पर मुंह नहीं खुल रहा है, क्योंकि वहां हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी, जैनी अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि यदि हम जाति, पंथ, संप्रदाय में बंटते रहेंगे तो बांग्लादेश जैसे हालात यहां भी पैदा हो जाएंगे।
सामाजिक पर्यावरण कार्यकर्ता रणवीर सिंह ने कहा कि इस वर्ष 13 मई से 18 नवंबर तक बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यकों पर लगभग 40 बड़े हमले किए। ईश निंदा के आरोप में एक छात्र पर हमले के साथ ही इंदिरा गांधी कल्चरल सेंटर को ध्वस्त कर दिया गया।
कार्यक्रम में नरेंद्र शुक्ला और डॉ. आलोक कुमार सिंह ने अतिथियों काे फूल मालाएं पहनाकर सम्मानित किया। संचालन कमलेश दिवेदी ने किया। मानवाधिकार मंच के अध्यक्ष डॉ. सोम शेखर दीक्षित, महामंत्री सुरेंद्र नाथ वाल्मीकि, उपाध्यक्ष विनय अग्रवाल आदि ने मंच पर ही डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया।
जनसभा में महापौर अर्चना वर्मा, जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन डीपीएस राठौर, भाजपा जिलाध्यक्ष केसी मिश्रा, महानगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता, विधायक अरविंद सिंह, वेद प्रकाश मौर्या, संजीव राठौर, कमल सिंह वर्मा, हरीश बजाज, डॉ. सत्य प्रकाश मिश्रा, डॉ. गौरव मिश्रा, धर्मेंद्र कुमार, राम सिंह, सचिन बाथम, शिखा सिंह, सुरेंद्र सिंह सेठ, पूनम सेठ समेत पूर्व सैनिक, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध आदि मौजूद रहे।