Bareilly riots : बरेली। पिछले साल जुलाई में सांप्रदायिक दंगों के बाद घर छोड़कर गए शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज में मुस्लिम परिवारों को गांव में दोबारा बसाने के लिए बुधवार को सपा नेताओं का जमावड़ा रहा। जिलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप के नेतृत्व सपा नेता करीब 33 परिवारों के साथ शाही पहुंचे। सभी ने पुलिस से इधर-उधर घूम रहे परिवारों को गौसगंज गांव में बसाने की मांग की।
सूचान पर सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला और सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव भी थाने पहुंच गए। इस बीच परिवार के साथ आई एक महिला का मोबाइल पुलिसकर्मी ने ले लिया। इस पर वह रो पड़ी। इस पर दीक्षा सक्सेना और स्मिता यादव की पुलिस से कहासुनी हो गई। बाद में पुलिस ने मोबाइल चेक करने के बाद वापस कर दिया। शाम पांच बजे तक सपा नेता बस स्टैंड पर मौजूद रहे। पुलिस थाने में आवश्यक कार्रवाई के बाद परिवारों को गांव ले जाने की तैयारी में थी।

बवाल के बाद घर छोड़कर भाग गए थे आरोपियों के परिवार
गौसगंज गांव में 19 जुलाई को हुए सांप्रदायिक बवाल में पूर्व प्रधान हीरालाल के पुत्र तेजपाल की मौत हो गई थी और दर्जनभर लोग घायल हुए थे। इसमें पूर्व प्रधान हीरालाल की तहरीर पर दूसरे समुदाय के 50 नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद से आरोपियों के परिवार गांव छोड़कर चले गए थे। कई आरोपियों के घरों पर बुलडोजर भी चला था। इस मामले में करीब 50 लोग जेल में बंद हैं। इससे पूर्व पुलिस सुरक्षा में छह परिवारों को बसाया जा चुका है।
गौसगंज जाने वालों में जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप, महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी, शिक्षक सभा प्रदेश महासचिव प्रमोद आचार्य, ज़िला उपाध्यक्ष रविन्द्र यादव, जितेंद्र मुंडे, नाजिम कुरैशी, डॉक्टर चाँद, रामसेवक प्रजापति, रणवीर सिंह जाटव, मुकेश पाण्डेय ,हाजी शकील अशरफी, महिला सभा के जिलाध्यक्ष स्मिता यादव महासचिव डॉ़ दीक्षा सक्सेना आदि मौजूद रहे।